कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा? (इस 10 तरीकों से पता करे)

नमस्कार दोस्तों! क्या आप भी जानना चाहते हैं कि कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा? शेयर बाजार में निवेश करने वाले हर व्यक्ति के लिए यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही जानकारी और रणनीति के साथ आप शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं और बेहतर निवेश कर सकते हैं।

शेयर बाजार पर कई चीजें असर डालती हैं, जैसे विदेशी बाजारों की चाल, खबरों का प्रभाव, और तकनीकी चार्ट। साथ ही, पिछले दिन के बाजार का प्रदर्शन और कंपनियों की रिपोर्ट्स भी बाजार की दिशा तय करने में मदद करती हैं।

इस ब्लॉग में हम आपको कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा पता करने के 10 आसान तरीके बताएंगे। तो अगर आप भी अपने निवेश को सुरक्षित और मुनाफादायक बनाना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें। चलिए, जानते हैं कि बाजार की चाल को समझने के लिए कौन-कौन सी बातें जरूरी हैं।

कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा?

 

Contents

कैसे पता चलेगा कि बाजार ऊपर जाएगा या नीचे?

अगर आप यह पता करना चाहते हैं कि शेयर बाजार ऊपर जाएगा या नीचे, तो इसके लिए शेयर मार्केट के चार्ट्स को देखना बहुत जरूरी है। शेयर मार्केट का चार्ट यह दिखाता है कि बाजार किस दिशा में जा रहा है। अगर आप इसे ध्यान से समझेंगे, तो आप भविष्य की दिशा का अंदाजा लगा सकते हैं। इसके लिए आपको अप ट्रेंड को पहचानना और समझना होगा।

अपट्रेंड कैसे पता करें?

अपट्रेंड में ग्राफ से आप समझ सकते हैं कि पहले यह ऊपर जाता है, फिर थोड़ा नीचे आता है, और धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ता रहता है। यह दर्शाता है कि बाजार का मूड सकारात्मक है और शेयर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।

डाउनट्रेंड की पहचान कैसे करें?

डाउन ट्रेंड में ग्राफ दिखाता है कि शेयर की कीमत पहले थोड़ा नीचे जाती है, फिर हल्का ऊपर आती है, और फिर लगातार नीचे गिरती रहती है। ऐसे करते-करते यह शेयर एक निचले स्तर पर पहुंच जाता है, जो बाजार के नकारात्मक मूड का संकेत है।

तो यह था सरल तरीका यह समझने का कि शेयर बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे।

क्या सिर्फ ग्राफ देखकर बाजार का अंदाजा लगाया जा सकता है?

ऐसा बिल्कुल नहीं है। ग्राफ मददगार होते हैं, लेकिन बाजार का सटीक पूर्वानुमान लगाने के लिए अन्य पहलुओं का ध्यान रखना जरूरी है। यदि आप इन 10 बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपको पता चल जाएगा कि अगले दिन शेयर बाजार गिरेगा या उठेगा।

 

कल का शेयर मार्केट कैसा रहेग?

इसका अनुमान लगाने के लिए हमें कुछ मुख्य बातों पर ध्यान देना होगा। आइए शुरुआत करते हैं:

1. पिछले दिन का बाजार कैसा था?
2. विदेशी बाजारों का असर समझें
3. खबरों पर नजर रखें
4. तकनीकी चार्ट और इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें
5. कमोडिटी और करेंसी मार्केट पर नजर रखें
6. कंपनी के नतीजे और खबरें देखें
7. शेयर की डिमांड और सप्लाई
8. निवेशक क्या कर रहे हैं
9. प्राइस एक्शन देखे
10. पीसीआर डाटा देखे

तो चलिए, अब इन बातो को और विस्तार से समझते है।

 

1. पिछले दिन का बाजार कैसा था?

अगर आप जानना चाहते हैं कि कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा, तो सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि पिछले दिन का मार्केट कैसा था। अगर पिछले दिन बाजार में तेजी (बुलिश ट्रेंड) देखने को मिली थी, तो इसका मतलब हो सकता है कि बाजार में सब कुछ अच्छा चल रहा है। वहीं, अगर बाजार में भारी गिरावट (बियरिश ट्रेंड) देखी गई, तो यह बाजार में कमजोरी का संकेत हो सकता है।

अगर आप ग्राफ देख रहे हैं, तो आखिरी घंटे का मूवमेंट जरूर देखें, क्योंकि यह अगले दिन की शुरुआत का संकेत दे सकता है। आखिरी घंटे का डेटा आपको यह समझने में मदद करता है कि निवेशकों का रुझान दिन के अंत में कैसा रहा और इसका असर अगले दिन पर क्या हो सकता है।

 

2. विदेशी बाजारों का असर समझें:

अपने भारतीय बाजार को देखना तो जरूरी है, लेकिन क्या आपने विदेशी बाजारों पर भी नजर डाली? जैसे अमेरिकी बाजार (Dow Jones, Nasdaq)। इन दोनों बाजारों का ग्राफ चेक करना चाहिए, क्योंकि अगर वहां तेजी या मंदी है, तो इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है।

सुबह के समय जापान (Nikkei), हांगकांग (Hang Seng), और चीन के बाजारों का प्रदर्शन भी काफी महत्वपूर्ण होता है। इन बाजारों में होने वाले उतार-चढ़ाव से भारतीय बाजार की शुरुआत का रुख समझने में मदद मिलती है। विदेशी बाजारों का एनालिसिस करना आपके निर्णय को और मजबूत बनाता है।

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3. खबरों पर नजर रखें:

भारतीय बाजार और विदेशी बाजार देखने के बाद आपको खबरों पर नजर डालनी है। अगर सरकार कोई नई योजना बनाती है, तो उसका असर बाजार पर पड़ सकता है, जैसे अगर सरकार कहती है कि वह ज्यादा सड़कें बनाएगी, तो सीमेंट और सड़क बनाने वाली कंपनियों के शेयर बढ़ सकते हैं।

और अगर टैक्स में कमी आती है, तो कंपनी का फायदा बढ़ता है, जिससे उसके शेयर में तेजी देखने को मिल सकती है। और अगर टैक्स बढ़ाया जाता है, तो उसके शेयर में तेजी से गिरावट देखने को मिल सकती है। और यदि किसी देश में युद्ध होता है या तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका प्रभाव भी शेयर बाजार में देखने को मिलता है।

 

4. तकनीकी चार्ट और इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें:

अगर आप ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। अगर आप शेयर बाजार का ग्राफ देखते हैं, तो आपको ग्रीन कलर की लाइन या लाल कलर की लाइन दिखती होगी। लेकिन अगर आप इसे कैंडल स्टिक्स पर देखें, तो चीजें और स्पष्ट हो जाती हैं।

तकनीकी चार्ट और इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें

कैंडल स्टिक के अलग-अलग पैटर्न होते हैं। अगर आप इन पैटर्न्स को समझते हैं, तो यह आपको ट्रेडिंग में काफी मदद कर सकता है।

इंडिकेशन टूल्स का इस्तेमाल करके आप यह पता लगा सकते हैं कि शेयर बाजार कैसा प्रदर्शन कर रहा है:

1. RSI (Relative Strength Index): यह एक इंडिकेटर है, जो बताता है कि शेयर महंगा है या सस्ता। अगर यह 70 से ऊपर है, तो शेयर महंगा हो सकता है, और अगर यह 30 से नीचे है, तो शेयर सस्ता हो सकता है।

2. MACD: यह एक और इंडिकेटर है, जो यह संकेत देता है कि शेयर का ट्रेंड बदलने वाला है। जब यह ऊपर जाता है, तो आप खरीद सकते हैं, और जब यह नीचे जाता है, तो बेच सकते हैं।

3. बोलिंजर बैंड्स: यह बताता है कि शेयर की कीमत बहुत ऊंची है या बहुत नीचे। अगर यह ऊपरी बैंड के पास है, तो शेयर महंगा हो सकता है, और अगर यह निचले बैंड के पास है, तो शेयर सस्ता हो सकता है।

इन इंडिकेटर्स का सही उपयोग करके आप जान सकते हैं कि शेयर कब खरीदना है और कब बेचना है।

 

5. कमोडिटी और करेंसी मार्केट पर नजर रखें:

कमोडिटी मार्केट और करेंसी मार्केट पर नजर रखें। अगर इन दोनों मार्केट्स में कुछ भी बदलाव होता है, तो इसका असर शेयर बाजार पर पड़ता है। इसलिए इन पर नजर डालना जरूरी है:

1. कमोडिटी मार्केट:

कमोडिटी मार्केट में चीजों जैसे तेल, सोना, चांदी, गेहूं, और कॉपर जैसी वस्तुओं की खरीद-फरोख्त होती है। इनकी कीमतें लगातार बदलती रहती हैं, और इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ता है।
उदाहरण के लिए, अगर सोने की कीमत बढ़ती है, तो सोने से जुड़े स्टॉक्स (जैसे सोने की खदानों के शेयर) की कीमतें बढ़ सकती हैं।

2. करेंसी मार्केट:

करेंसी मार्केट में अलग-अलग देशों की मुद्राएं (जैसे डॉलर, यूरो, रुपया) एक-दूसरे के मुकाबले बदलती रहती हैं। जब एक देश की मुद्रा कमजोर होती है, तो दूसरे देशों के लिए उनके उत्पाद खरीदना सस्ता हो जाता है, और इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ता है
उदाहरण के लिए, अगर रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो भारत के लिए आयात महंगा हो सकता है, जिससे कंपनियों के शेयर की कीमतों पर असर पड़ सकता है

इन दोनों मार्केट्स के उतार-चढ़ाव का शेयर बाजार पर सीधा प्रभाव पड़ता है, इसलिए इन्हें समझना और उन पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।

 

6. कंपनी के नतीजे और खबरें देखें:

अगर आप कंपनी के नतीजे यानी फाइनेंशियल पर नजर डालते हैं, तो आपको यह समझना चाहिए कि अगर किसी कंपनी के क्वार्टर के रिजल्ट अच्छे आते हैं, तो उसे शेयर में तेजी देखने को मिल सकती है, और जब कंपनी के नतीजे खराब होते हैं, तो शेयर में गिरावट देखने को मिल सकती है।

1. कंपनी के नतीजे (Financial Results):

कंपनियां हर तिमाही (quarter) में अपने वित्तीय नतीजे (जैसे मुनाफा और नुकसान) जारी करती हैं।

• अच्छे नतीजे: अगर कंपनी अच्छा मुनाफा दिखाती है, तो निवेशक उस कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं, जिससे शेयर की कीमत बढ़ सकती है।
• खराब नतीजे: अगर कंपनी घाटे में है या उसके नतीजे उम्मीद से खराब हैं, तो निवेशक शेयर बेच सकते हैं, जिससे शेयर की कीमत गिर सकती है।

2. कंपनी की खबरें:

कंपनियों के बारे में खबरें जैसे नए प्रोडक्ट की लॉन्च, मर्जर (दूसरी कंपनी के साथ जुड़ना), या कोई बड़ी घोषणा भी शेयर की कीमतों को प्रभावित करती हैं।

• सकारात्मक खबरें: अगर कोई कंपनी नए प्रोडक्ट की लॉन्च करती है या कोई अच्छा मील का पत्थर हासिल करती है, तो शेयर की कीमत बढ़ सकती है।
• नकारात्मक खबरें: अगर किसी कंपनी के साथ कोई कानूनी परेशानी या खराब खबर आती है, तो उसकी शेयर कीमत गिर सकती है।

कंपनी के नतीजों और खबरों को ध्यान में रखकर निवेशकों को शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है।

 

7. शेयर की डिमांड और सप्लाई:

शेयर बाजार में डिमांड और सप्लाई को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। आइए इसे अच्छे से समझते हैं:

1. डिमांड (Demand):

डिमांड का मतलब है कि कितने लोग किसी विशेष शेयर को खरीदना चाहते हैं।

• अधिक डिमांड: जब किसी कंपनी के शेयर के लिए ज्यादा लोग खरीदारी करना चाहते हैं, तो उसका मूल्य बढ़ सकता है। यह तब होता है जब कंपनी का प्रदर्शन अच्छा हो या कोई सकारात्मक खबर आती है।
• कम डिमांड: जब शेयर के लिए कम लोग खरीदारी करना चाहते हैं, तो उसकी कीमत कम हो सकती है।

2. सप्लाई (Supply):

सप्लाई का मतलब है कि कितने लोग अपने शेयर बेचना चाहते हैं।

• अधिक सप्लाई: अगर बहुत सारे लोग अपने शेयर बेच रहे हैं, तो शेयर की कीमत गिर सकती है। यह तब होता है जब कंपनी के नतीजे खराब होते हैं या कोई नकारात्मक खबर आती है।
• कम सप्लाई: अगर कम लोग अपने शेयर बेचने के लिए तैयार होते हैं, तो कीमत बढ़ सकती है, खासकर जब डिमांड ज्यादा हो।

डिमांड और सप्लाई के बीच का संतुलन शेयर की कीमतों को निर्धारित करता है, इसलिए इन दोनों पर नजर रखना जरूरी है।

 

8. निवेशक क्या कर रहे हैं:

आपको यह भी देखना होगा कि बड़े निवेशक क्या कर रहे हैं, क्योंकि उनका निवेश शेयर बाजार पर बड़ा प्रभाव डालता है। शेयर बाजार में दो तरह के बड़े निवेशक होते हैं: FII (Foreign Institutional Investors) और DII (Domestic Institutional Investors)। ये निवेशक काफी ज्यादा पैसा लगाते हैं, जिससे किसी शेयर की कीमत बहुत जल्दी बढ़ सकती है, और अगर ये बेचते हैं तो शेयर की कीमत भी जल्दी गिर सकती है।

उदाहरण के लिए:
पेटीएम के शेयर को देखें। जब फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने पेटीएम के शेयर बेचे थे, तो इसका शेयर नीचे चला गया। लेकिन जैसे ही म्युचुअल फंड्स (DII) ने पेटीएम में पैसा लगाया, तब इसका शेयर अपने आप ही बढ़ गया।

इसलिए, अगर आप बड़े निवेशकों के निवेश पर नजर रखते हैं, तो आप शेयर बाजार के ट्रेंड्स को सही तरीके से समझ सकते हैं।

 

9. प्राइस एक्शन देखे:

मान लीजिए, आप सुबह 9:30 बजे निफ्टी 50 का ग्राफ चेक करते हैं, और आप यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे आएगा। यह एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है, क्योंकि शेयर बाजार का कोई भी पूर्वानुमान 100% सटीक नहीं होता। कभी यह ऊपर चला जाता है, तो कभी नीचे।

लेकिन प्रोफेशनल ट्रेडर्स इतने बार ग्राफ चेक करते हैं कि उन्हें अंदाजा हो जाता है कि मार्केट का ट्रेंड क्या होगा। प्राइस एक्शन को समझना थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ प्रमुख संकेत हैं जिनसे आप इसे बेहतर तरीके से समझ सकते हैं:

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प्राइस एक्शन को समझने के तरीके:

1. कैंडलस्टिक पैटर्न:

कैंडलस्टिक चार्ट पर हरे (बुलिश) और लाल (बियरिश) कैंडल्स से यह पता चलता है कि बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे।

• लंबी हरी कैंडल: यह संकेत देती है कि बाजार में तेजी (बुलिश) है।
• लंबी लाल कैंडल: यह संकेत देती है कि बाजार में गिरावट (बियरिश) है।

2. सपोर्ट और रेसिस्टेंस:

• सपोर्ट: वह स्तर जहां कीमत बार-बार गिरने के बाद रुक जाती है और फिर से ऊपर जाने लगती है।
• रेसिस्टेंस: वह स्तर जहां कीमत बार-बार बढ़ने के बाद रुक जाती है और नीचे आने लगती है।

3. ट्रेंड लाइन:
• अगर कीमत लगातार ऊपर जा रही है, तो यह अपट्रेंड है।
• अगर कीमत लगातार नीचे जा रही है, तो यह डाउनट्रेंड है।

इन तरीकों का इस्तेमाल करके आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि मार्केट का ट्रेंड क्या हो सकता है और उसके आधार पर अपने निवेश निर्णय ले सकते हैं।

 

10. पीसीआर डाटा देखे:

पीसीआर (Put-Call Ratio) डेटा एक प्रभावी इंडिकेटर है, जिसे प्रोफेशनल ट्रेडर्स अपने ट्रेडिंग निर्णयों में इस्तेमाल करते हैं। पीसीआर से आप यह जान सकते हैं कि बाजार में किस दिशा में ट्रेंड हो सकता है क्या बाजार ऊपर जाएगा या नीचे। आइए इसे समझते हैं:

पीसीआर से ट्रेंड का अनुमान:

पीसीआर डाटा से आप यह समझ सकते हैं कि बाजार में कौन सा ट्रेंड है:

1. पीसीआर अधिक (1 से ऊपर):

अगर पीसीआर 1 से ज्यादा होता है, तो इसका मतलब है कि अधिक पुट ऑप्शंस खरीदी जा रही हैं। यह दर्शाता है कि निवेशक बाजार में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं, और इस स्थिति में बाजार मंदी (bearish) में जा सकता है।

2. पीसीआर कम (1 से नीचे):

अगर पीसीआर 1 से कम होता है, तो इसका मतलब है कि अधिक कॉल ऑप्शंस खरीदी जा रही हैं। यह दर्शाता है कि निवेशक बाजार में तेजी की उम्मीद कर रहे हैं, और बाजार में उपर जाने का अनुमान हो सकता है।

जरूरी बातें:

– पीसीआर अकेले सही जवाब नहीं देता। इसका इस्तेमाल अन्य संकेतकों के साथ करना चाहिए।
– हमेशा दूसरी चीजों (जैसे कैंडलस्टिक पैटर्न, ट्रेंडलाइन, सपोर्ट और रेसिस्टेंस) पर भी नजर रखें।
– बाजार का ट्रेंड अक्सर बदलता रहता है, इसलिए पीसीआर को समय-समय पर अपडेट करना जरूरी है।

अब आप पीसीआर को सही तरीके से समझ सकते हैं और इसे अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों में इस्तेमाल कर सकते हैं!

 

निष्कर्ष:

कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा? यह जानना आसान नहीं है, लेकिन सही तरीके अपनाकर इसका अनुमान लगाया जा सकता है। विदेशी बाजारों का असर, खबरों की जानकारी, और तकनीकी चार्ट का विश्लेषण आपको बाजार के रुझान को समझने में मदद कर सकता है।

अगर बाजार कल ऊपर जाएगा या नीचे, यह कंपनी के नतीजों, शेयर की डिमांड-सप्लाई और निवेशकों की गतिविधियों पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा, प्राइस एक्शन और पीसीआर डेटा को ध्यान में रखकर आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

याद रखें, शेयर बाजार में भविष्यवाणी करना पूरी तरह से संभव नहीं है। लेकिन इन 10 तरीकों से आप अंदाजा लगा सकते हैं और स्मार्ट निवेश कर सकते हैं। बाजार को समझने के लिए धैर्य और रिसर्च सबसे जरूरी हैं। सही जानकारी के साथ ही आप मुनाफा कमा सकते हैं।

 

FAQs – कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा:

 

मैं कल के शेयर बाजार की भविष्यवाणी कैसे कर सकता हूं?

शेयर बाजार का कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। लेकिन आप खबरें पढ़कर, कंपनी की जानकारी देखकर और ग्राफ समझकर अंदाजा लगा सकते हैं।

कैसे पता करें शेयर का प्राइस गिरेगा या बढ़ेगा?

शेयर का प्राइस कंपनी की खबरों, बाजार की हालत और लोगों की खरीद-बिक्री से बदलता है। इन चीजों पर ध्यान दें।

आपको कैसे पता चलेगा कि निफ्टी 50 बढ़ेगा या घटेगा?

निफ्टी 50 का हाल बाजार की बड़ी कंपनियों पर निर्भर करता है। खबरें, आंकड़े और चार्ट देखकर आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं।

2 thoughts on “कल का शेयर मार्केट कैसा रहेगा? (इस 10 तरीकों से पता करे)”

  1. बेहद शानदार जानकारी। एकदम सरल शब्दों में।।👌👍🙏🙏

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    • बहुत-बहुत धन्यवाद! 😊
      आपके अच्छे शब्द हमें और अच्छी जानकारी देने के लिए प्रेरित करते हैं। अगर आपको किसी और टॉपिक पर ब्लॉग चाहिए, तो हममे जरूर बताए। 🙌

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