शेयर मार्केट क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में!

नमस्कार दोस्तों, क्या आप भी यह जानना चाहते हैं कि शेयर मार्केट क्या है? और शेयर मार्केट कैसे काम करता है? यदि हां, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज के इस ब्लॉग में, मैं आपको शेयर मार्केट की पूरी जानकारी दूंगा और वह भी सरल भाषा में समझाने की पूरी कोशिश करूंगा।

बहुत से लोग सोचते हैं कि शेयर बाजार केवल अमीर लोगों के लिए है, लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आपके पास सही जानकारी और थोड़ी समझ है, तो आप भी शेयर बाजार से पैसे कमा सकते हैं। चाहे आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग करना चाहें या ट्रेडिंग के जरिए कम समय में मुनाफा कमाना चाहें, शेयर बाजार हर किसी के लिए अवसर प्रदान करता है।

तो, अगर आप शेयर बाजार में अपना पहला कदम रखना चाहते हैं या इसे बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए एक गाइड की तरह काम करेगा। आइए, शुरू करते हैं और जानते हैं शेयर मार्केट की पूरी जानकारी, वह भी आसान भाषा में।

शेयर मार्केट क्या है?

 

Contents

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहाँ हम कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के छोटे हिस्सेदार बन जाते हैं। यदि कंपनी मुनाफा कमाती है, तो उसमें आपका भी फायदा होता है, और यदि कंपनी को नुकसान होता है, तो आपको भी नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि आप कंपनी के हिस्सेदार हैं।

भारत में दो बड़े शेयर बाजार हैं:

1. एनएसई (NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज): यहां 50 बड़ी कंपनियों का ग्राफ एक साथ निफ्टी 50 के रूप में दिखाया जाता है।
2. बीएसई (BSE): इसमें 30 बड़ी कंपनियों का ग्राफ सेंसेक्स के रूप में दिखाया जाता है।

ये दोनों बाजार यह समझने में मदद करते हैं कि शेयरों की कीमतें कैसे बढ़ रही हैं या घट रही हैं। लोग इनका उपयोग निवेश और ट्रेडिंग के लिए करते हैं।

 

शेयर मार्केट में क्या काम होता है?

शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने का काम होता है। यहां निवेशक कंपनियों के शेयर खरीदते हैं और उनकी कीमत बढ़ने पर बेचकर मुनाफा कमाते हैं। जब कंपनियां पहली बार शेयर बेचती हैं, तो उसे IPO कहते हैं।

ट्रेडिंग में रोजाना शेयर की कीमतें बदलती हैं, और ट्रेडर इन बदलावों से मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। कुछ कंपनियां डिविडेंड भी देती हैं।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स वे होते हैं जो लंबे समय तक निवेश करते हैं। इसके अलावा, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड में भी निवेश होता है। मुनाफा होने के साथ जोखिम भी होता है, इसलिए सही जानकारी से निवेश करें।

इसके अलावा शेयर मार्केट में अन्य प्रमुख कार्य हैं:

1. निवेश (Investment):

निवेश का मतलब है लंबे समय तक के लिए कंपनी के शेयर खरीदना। जैसे-जैसे कंपनी का ग्रोथ होता है, शेयर की कीमत अपने आप बढ़ती जाती है। जब निवेशक को सही लगता है, वे शेयर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।

2. ट्रेडिंग (Trading):

ट्रेडिंग का मतलब है शेयरों को रोज़ाना खरीदना और बेचना। इसमें कम समय में मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है।

उदाहरण: किसी व्यक्ति ने ₹100 का शेयर खरीदा, और दोपहर में उसकी कीमत ₹110 हो गई। उसने इसे बेच दिया, जिससे उसे 10% का फायदा हुआ।
ध्यान दें: यदि शेयर की कीमत गिरती है, तो नुकसान भी हो सकता है।

3. आईपीओ (IPO):

जब कोई कंपनी पहली बार शेयर मार्केट में प्रवेश करती है, तो वह अपना आईपीओ (Initial Public Offering) जारी करती है। लोग इसमें निवेश करते हैं, लेकिन आईपीओ का आवंटन सीमित संख्या में ही होता है।उदाहरण:
यदि किसी कंपनी ने ₹14,000 में 10 शेयर दिए, तो एक शेयर की कीमत ₹1,400 हुई। जब कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हुई, तो उसकी कीमत ₹2,800 हो गई। इसका मतलब निवेशक का पैसा दोगुना हो गया।

4. डिविडेंड (Dividend):

जब कोई व्यक्ति शेयर खरीदकर होल्ड करता है और कंपनी को अच्छा मुनाफा होता है, तो कंपनी अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देती है।

उदाहरण: यदि किसी व्यक्ति के पास 1,000 शेयर हैं और कंपनी ने ₹2 प्रति शेयर का डिविडेंड घोषित किया है, तो उसे ₹2 × 1,000 = ₹2,000 का डिविडेंड मिलेगा।

ब्रोकर की भूमिका:

शेयर खरीदने और बेचने का कार्य ब्रोकर के माध्यम से होता है। ब्रोकर हर लेन-देन पर शुल्क (ब्रोकरेज) लेता है। यह शुल्क अलग-अलग ब्रोकर के हिसाब से भिन्न होता है।

 

 

शेयर मार्केट के प्रकार कितनी होते है?

शेयर मार्केट में दो प्रकार की मार्केट होती हैं:

  1. प्राइमरी मार्केट (Primary Market)
  2. सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market)

इन दोनों मार्केट में क्या होता है, आइए जानते हैं:

1. प्राइमरी मार्केट (Primary Market):

प्राइमरी मार्केट वह जगह है जहाँ कंपनियाँ अपने शेयर पहली बार जनता को बेचती हैं। जब कोई कंपनी आईपीओ (Initial Public Offering) लॉन्च करती है, तो उसे प्राइमरी मार्केट कहा जाता है।

  • इस मार्केट में कंपनियाँ जनता से पैसे जुटाती हैं।
  • निवेशक सीधे कंपनी के शेयर खरीदते हैं।

 

2. सेकंडरी मार्केट (Secondary Market):

सेकेंडरी मार्केट वह मार्केट है जहां लोग शेयरों को एक-दूसरे से खरीदते और बेचते हैं। NSE और BSE भी सेकेंडरी मार्केट का हिस्सा हैं।

• शेयरों की कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है।
• अगर किसी शेयर की मांग ज्यादा है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है।
• अगर मांग कम है, तो कीमत गिर जाती है।
• इस बाजार में कंपनियों को पैसा नहीं मिलता। यहाँ सिर्फ निवेशक आपस में लेन-देन करते हैं।

सेकेंडरी मार्केट निवेशकों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। यहाँ पर लोग सही कंपनी में पैसा लगाकर काफी अच्छे रिटर्न कमा सकते हैं।

 

शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे करें?

अगर आपके मन में यह सवाल आया है कि शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे की जा सकती है और आप शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:

1. शेयर मार्केट को सीखें:

अगर आप नए हैं और शेयर बाजार के बारे में कुछ भी नहीं जानते, तो सबसे पहले आपको शेयर बाजार के बारे में सीखना होगा। आज के समय में शेयर बाजार को सीखना काफी आसान है। इसके लिए आपको तीन चीजों पर ध्यान देना होगा:

  • टेक्निकल एनालिसिस: अगर आप यह एनालिसिस सीख लेते हैं, तो आपको शेयर बाजार की दिशा और ट्रेंड को समझने में आसानी होगी। इसमें आपको चार्ट्स और ग्राफ्स का विश्लेषण करना होता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसी शेयर की कीमत नीचे जा रही है या ऊपर बढ़ रही है।
  • फंडामेंटल एनालिसिस: नए लोगों के लिए फंडामेंटल एनालिसिस सीखना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसमें आपको यह समझना होता है कि कंपनी का रेवेन्यू, प्रॉफिट, और नेटवर्थ कैसा है।

साथ ही, कुछ महत्वपूर्ण रेशियो जैसे-

  • P/E रेशियो (Price to Earnings Ratio): यह दर्शाता है कि शेयर की कीमत उचित है या अधिक।
  • Debt to Equity Ratio: इससे पता चलता है कि कंपनी पर कितना कर्ज है।

यह सभी जानकारियां फंडामेंटल एनालिसिस का हिस्सा होती हैं।

• अपनी रिसर्च करें:
खुद की रिसर्च करना बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, आप यह जान सकते हैं कि भविष्य में कौन-सी टेक्नोलॉजी सबसे ज्यादा ग्रो करेगी। अगर आप इस क्षेत्र में निवेश करते हैं, तो आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

किसी कंपनी की रिसर्च करते समय सबसे महत्वपूर्ण चीज एनुअल रिपोर्ट होती है। यदि आप कंपनी की एनुअल रिपोर्ट पढ़ लेते हैं, तो आपको उसके प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं के बारे में बहुत जानकारी मिलती है।

 

2. डीमैट अकाउंट खोलें:

शेयर मार्केट सीखने के बाद, आपको डिमैट अकाउंट खोलना होगा। जैसे बैंक अकाउंट में आप अपने पैसे रखते हैं, वैसे ही डिमैट अकाउंट में आप अपने शेयर रख सकते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आप किसी भी ब्रोकर जैसे ज़ेरोधा (Zerodha), एंजेल वन (Angel One), या ग्रो (Groww) जैसे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. ट्रेडिंग या लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग:

अब आपको यह तय करना होगा कि आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं या लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग। अगर आपके पास समय है और आप हर दिन काम करके पैसे कमाना चाहते हैं, तो आप ट्रेडिंग कर सकते हैं। हालांकि, ट्रेडिंग में रिस्क ज्यादा होता है और आमतौर पर इसमें 50% से 100% तक का रिस्क हो सकता है।

वहीं, अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग करते हैं, तो इसमें आपको केवल अच्छे कंपनियों में पैसा लगाना होता है और फिर उस शेयर को सिर्फ होल्ड करना होता है। यानी आपको उसे बेचना नहीं है, चाहे मार्केट क्रैश हो जाए। क्योंकि मार्केट क्रैश के बाद भी अच्छे शेयर अच्छे रिटर्न दे सकते हैं।

तो इन तीन चीजों को सीखकर आप शेयर मार्केट की शुरुआत कर सकते हैं। यदि आप इन कौशलों को सीखते हैं और किसी भी शेयर को लंबे समय तक होल्ड करते हैं, तो आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

 

क्या करे?

अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं और आपके पास अतिरिक्त पैसा पड़ा हुआ है, तो आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।लेकिन अगर आपके पास लिमिटेड पैसा है, तो ट्रेडिंग से बचें क्योंकि इसमें कभी भी आपका सारा पैसा खो सकता है। ऐसे में आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग का चुनाव कर सकते हैं।
तो इन तरीकों का इस्तेमाल करके आप शेयर मार्केट की शुरुआत कर सकते हैं और अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

यह जरूर पढ़ें: शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे करे? जानिए पूरी जानकारी!

 

शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमा सकते है?

शेयर मार्केट से पैसे कमाने के कई तरीके हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इन 5 तरीकों का इस्तेमाल करते हैं:

1. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग: इसमें लोग शेयर खरीदकर लंबे समय तक होल्ड करते हैं और बाद में उन्हें बेचते हैं, जिससे उन्हें मुनाफा होता है।

2. आईपीओ (IPO): जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में लिस्ट होती है, तो वह अपना आईपीओ लॉन्च करती है, जिसमें निवेशक पैसा लगाते हैं। अगर उन्हें आईपीओ मिलता है, तो उन्हें अच्छा मुनाफा हो सकता है।

3. डिविडेंड: अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक शेयर होल्ड करता है और कंपनी का मुनाफा अच्छा होता है, तो कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती है।

4. बोनस शेयर: अगर कोई व्यक्ति शेयर को लंबे समय तक होल्ड करता है, तो कंपनी बोनस शेयर देती है, जिससे उनके शेयर की संख्या दोगुनी या उससे भी ज्यादा हो सकती है।

5. ट्रेडिंग: इसमें व्यक्ति रोजाना शेयर खरीदता और बेचता है, जिससे वह नियमित रूप से मुनाफा कमाता है। इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।

तो ये थे वह पांच तरीके जिनसे लोग शेयर मार्केट में अच्छा पैसा कमाते हैं।

 

ट्रेडिंग कितने तरह की होती है?

ट्रेडिंग के कई प्रकार होते हैं, और इनमें से कुछ में रिस्क काफी ज्यादा होता है, जबकि कुछ में रिस्क कम होता है। ट्रेडिंग के इन प्रकारों में से सबसे ज्यादा लोग निम्नलिखित प्रकारों का इस्तेमाल करते हैं:

1. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading):

इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीदने और बेचने होते हैं। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो पेनल्टी लग सकती है। यह ट्रेडिंग ज्यादातर खबरों को पढ़कर की जाती है। जब किसी कंपनी के बारे में अच्छी खबर आती है, तो ट्रेडर्स उस कंपनी के शेयरों में इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं और मुनाफा कमाते हैं। अगर शेयर नीचे गिर जाता है, तो उसे उसी दिन के अंदर बेचना होता है। इसमें रिस्क ज्यादा होता है।

2. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading):

स्विंग ट्रेडिंग में निवेशक तब शेयर खरीदते हैं जब शेयर की कीमत गिरती है और एक हफ्ते के अंदर, जब शेयर में थोड़ा सुधार आता है, तो वे उसे बेचकर मुनाफा कमाते हैं। इसमें रिस्क कम होता है, लेकिन निवेशक को शेयर की सही दिशा का अनुमान लगाना जरूरी होता है।

3. डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading):

डिलीवरी ट्रेडिंग को सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें रिस्क कम होता है। इसमें लोग शेयर खरीदते हैं और कुछ महीनों का इंतजार करते हैं। जब शेयर की कीमत बढ़ जाती है, तो उसे बेचकर मुनाफा कमाते हैं। अगर शेयर की कीमत नहीं बढ़ती, तो वे उसे और कुछ समय के लिए होल्ड भी कर सकते हैं।

4. स्कैल्पिंग (Scalping):

स्कैल्पिंग में कई सारे शेयर एक साथ खरीदे जाते हैं और इसमें निवेशकों को अधिक पैसा लगाना पड़ता है। शेयर की कीमत में थोड़ी सी भी बढ़त पर उसे बेचकर मुनाफा कमाया जाता है। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा रिस्क होता है क्योंकि इसमें बड़े निवेश की जरूरत होती है।

5. पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading):

पोजीशनल ट्रेडिंग में निवेशक लंबे समय तक शेयर खरीदते हैं और बाजार की दिशा के अनुसार मुनाफा कमाते हैं। इसमें निवेशक किसी विशेष स्टॉक या इंडेक्स में लंबे समय तक निवेश करते हैं।

हर प्रकार की ट्रेडिंग में अलग-अलग रिस्क होता है। जैसे इंट्राडे और स्कैल्पिंग में सबसे ज्यादा रिस्क होता है, जबकि पोजीशनल और डिलीवरी ट्रेडिंग में रिस्क कम होता है। इसलिए, अपनी रिस्क टॉलरेंस के आधार पर ट्रेडिंग के प्रकार का चयन करें।

ये भी पढ़े: 2025 में शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए (10 सही तरीके)

 

कौन-सी ट्रेडिंग आपके लिए सही है?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि कौन सी ट्रेडिंग सही है, तो यह पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करता है। अगर आपके पास ज्यादा पैसा है और आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, तो आप रिस्की ट्रेडिंग कर सकते हैं। वहीं, अगर आपके पास कम पैसा है, तो आप कम रिस्क वाली ट्रेडिंग चुन सकते हैं, जिससे आपको मुनाफा भी मिलेगा और नुकसान भी कम होगा।

 

निष्कर्ष:

अब आपको समझ में आ गया होगा कि शेयर मार्केट क्या है? शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहां लोग कंपनियों के हिस्से (शेयर) खरीदते और बेचते हैं। यहां पैसा कमाने के कई तरीके हैं, जैसे लॉन्ग टर्म निवेश और ट्रेडिंग

अगर आप लंबे समय तक शेयरों में निवेश करते हैं, तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है। वहीं, ट्रेडिंग में एक दिन के अंदर ही शेयर खरीदकर बेचे जाते हैं। ट्रेडिंग के कई प्रकार होते हैं, जैसे इंट्राडे, स्विंग, और डिलीवरी ट्रेडिंग। आपको यह तय करना होगा कि कौन सा तरीका आपके लिए सही है।

सही जानकारी और समझ के साथ शेयर मार्केट में निवेश करना आसान और फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आपको बाजार के उतार-चढ़ाव को समझने की जरूरत है। अगर आप सोच-समझकर निवेश करेंगे, तो शेयर मार्केट से आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। और अगर आपको इस ब्लॉग की जानकारी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें। धन्यवाद!

 

शेयर मार्केट सीखने के लिए अच्छी वीडियो?

यदि आप शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं, तो आप यह वीडियो देख सकते हैं। इस वीडियो में एनिमेशन का इस्तेमाल करके अच्छे से समझाने की कोशिश की गई है।

 

 

FAQs About शेयर मार्केट क्या है?

 

शेयर मार्केट क्या है और इसे कैसे सीखें?

शेयर मार्केट वह जगह है जहां कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। इसे सीखने के लिए आप फ्री ऑनलाइन कोर्स, यूट्यूब चैनल और डेमो अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

1 शेयर कितना होता है?

1 शेयर की कीमत हर कंपनी के लिए अलग होती है और यह बाजार में मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है।

अपना पहला शेयर कैसे खरीदें?

पहला शेयर खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट खोलें, फिर किसी अच्छी कंपनी के शेयर पर रिसर्च कर खरीदारी करें।

शेयर मार्केट फ्री कैसे सीखें?

शेयर मार्केट फ्री में शिखना चाहते है, तो यूट्यूब वीडियो, ब्लॉग्स, और सरकारी पोर्टल्स से मुफ्त में सीख सकते हैं।

शुरुआती लोगों के लिए कौन सा शेयर बाजार सबसे अच्छा है?

शुरुआत के लिए भारतीय बाजार (NSE और BSE) सबसे अच्छा है।

क्या मैं 500 रुपये से शेयर बाजार शुरू कर सकता हूँ?

हाँ, आप 500 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं, बशर्ते शेयर की कीमत उतनी हो।

शेयर बेचने पर कितना चार्ज लगता है?

शेयर बेचने पर ब्रोकरेज, STT, और अन्य टैक्स चार्ज लगते हैं, जो ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म पर निर्भर करते हैं।

शेयर कब खरीदना चाहिए?

शेयर खरीदने का सही समय तब होता है जब शेयर की कीमत कम हो, यानी जब शेयर ऊपर हो तब नहीं खरीदना चाहिए। थोड़ा गिरने का इंतजार करें, तब खरीदें और अपनी अच्छी तरफ से रिसर्च जरूर करें।

शेयर कितने दिन तक रख सकते हैं?

आप अपनी मर्जी से शेयर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितना मुनाफा कमाना चाहते हैं और कितने दिन बाद शेयर बेचना चाहते हैं।

क्या शेयर बाजार एक जुआ है?

नहीं, शेयर बाज़ार जुआ नहीं है। अगर आप सही जानकारी और रिसर्च के साथ निवेश करने से मुनाफा होता है।

Leave a Comment